डिस्पेंसरी खुद ही बीमार, कैसे होगा मरीजों का इलाज

The Dispensary itself is Sick
डिस्पेंसरी की छत टपकने लगी, कहां बैठे डाक्टर व मरीज, लोग परेशान
डिस्पेंसरी के ग्राउंड में घास से निकल रहे जीव जंतु व सांप, डर के साए में डाक्टर व मरीज
जीरकपुर (संदीप सिंह बावा)
जीरकपुर । The Dispensary itself is Sick: भबात गांव में स्थित डिस्पेंसरी का हालत बद से बदतर हुई पड़ी है। जिस तरफ प्रसाशन बिलकुल भी ध्यान नही दे रहा है और डिस्पेंसरी में दवाई लेने आने वाले मरीज व स्टॉफ काफी परेशान है, क्योंकि बरसात का मौसम चल रहा है और डिस्पेंसरी की छत टपक रही है। जिस कारण दवाइयां व अन्य सामान खराब होने के खतरा बना हुआ है और स्टॉफ को दवाईयों व सामान की बार बार जगह बदलनी पड़ रही है। जिस कारण मरीजों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। डाक्टरों जहां बैठ कर मरीजों को चैक करते हैं वह पूरा कमरा चो रहा है और सफेदी की पपड़ी दीवारों से उतर रही है। सीलन के कारण कमरों में से बदबू आ रही है, जहां डाक्टरों व मरीजों का बैठना मुश्किल हुआ पड़ा है। डिस्पेंसरी की कीचन की हालात भी बदतर हो रखी है। जिस कारण वहां स्टॉफ के लिए चाय पानी बनाने के लिए भी कोई सुविधा नही है। अस्पताल का बोर्ड इतना पुराना हो चूका है के उसपर पड़ा ही नही जाता के क्या लिखा हुआ है। डिस्पेंसरी की चार दीवारी के अंदर व ग्राउंड में इतना ज्यादा घास व बूटी उग चुकी है के जिस कारण यहां से अक्सर जंगली जीव जंतु व सांप आदि निकल रहे हैं। जिस कारण मरीजों व डाक्टरों में सहम का माहौल बना हुआ है। डिस्पेंसरी की छत पर काफी घास है जिसे देखकर ऐसा महसूस होता है जैसे वह कच्ची मिट्टी की हो। गांव के बहुत सारे लोग डरते हुए इस डिस्पेंसरी में दवाई लेने के लिए आते ही नही है। जिस तरफ प्रसाशन बिलकुल ध्यान नही दे रहा है।
लोगों ने कहा कहां गई सरकार की सेहत व्यवस्था :
स्थानीय गांव निवासियों व डिस्पेंसरी में दवाई लेने आए मरीजों ने सरकार खिलाफ भड़ास निकालते हुए कहा की आम आदमी पार्टी की सरकार सेहत व्यवस्था को अच्छा बनाने के दावे कर रही है और मुहल्ला क्लीनिक खोले जा रहे हैं। लेकिन जो पुराने अस्पताल या डिस्पेंसरियां है उनकी हालात बहुत ज्यादा खराब है। पहले उनका सुधार करना चाहिए और फिर आगे काम किया जाना चाहिए। लोगों ने बताया के भले कुछ महीने से दवाई लगभग यहां मिल रही है लेकिन डिस्पेंसरी की हालात खस्ता होने के कारण यहां लोगों ने आना ही बंद कर दिया है। लोगों ने सरकार से मांग की के झूठे दावे करने की बजाए, सेहत सिस्टम को अच्छी नियत के साथ ठीक किया जाए, ताकि लोग असल में उसका फायदा ले सकें।